Mahakumbh 2025: प्रयागराज में संगम के साथ आनंद भवन, इलाहाबाद किला और हनुमान मंदिर जैसी 7 जगहें जरूर घूमें

Mahakumbh 2025 के दौरान Prayagraj के 7 प्रमुख स्थलों की सैर जरूर करें। संगम स्नान के साथ आनंद भवन और इलाहाबाद किला की खूबसूरती देखें

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में संगम के साथ आनंद भवन, इलाहाबाद किला और हनुमान मंदिर जैसी 7 जगहें जरूर घूमें

“महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में होने जा रहा है, और यह न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक अद्भुत अनुभव साबित होगा। इस मेले में करोड़ों लोग पवित्र संगम पर स्नान करने और मोक्ष की प्राप्ति के लिए आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रयागराज केवल कुंभ मेला के लिए ही नहीं, बल्कि अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है? यहां के अनोखे स्थान आपकी यात्रा को और भी खास बना सकते हैं। आइए, जानते हैं प्रयागराज के 7 बेहतरीन आकर्षणों के बारे में।”

आनंद भवन, नेहरू-गांधी परिवार का पैतृक घर, प्रयागराज का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह वह जगह है जहां भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने शुरुआती जीवन के वर्ष बिताए थे। अब इसे एक संग्रहालय में बदल दिया गया है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े दुर्लभ दस्तावेज़ों, तस्वीरों और नेहरू परिवार की व्यक्तिगत वस्तुओं को प्रदर्शित करता है। इतिहास प्रेमियों के लिए यह स्थान बेहद खास है।” Check Here official Google Location Link https://g.co/kgs/MFRx5AJ

“प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास स्थित हनुमान मंदिर शहर के सबसे पुराने और पूजनीय मंदिरों में से एक है। यहां हनुमान जी की एक अनोखी मूर्ति है, जो स्वाभाविक रूप से प्रकट हुई मानी जाती है। कुंभ मेला के दौरान, यह स्थान आध्यात्मिकता और श्रद्धा से भर जाता है, जहां लाखों भक्त भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेने आते हैं।”

“मुगल सम्राट अकबर द्वारा 16वीं सदी में निर्मित इलाहाबाद किला प्रयागराज का एक ऐतिहासिक रत्न है। यह किला गंगा नदी के किनारे स्थित है और इसकी वास्तुकला में फारसी और मुगल शैलियों का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। किले के अंदर स्थित अक्षयवट वृक्ष और पातालपुरी मंदिर खास आकर्षण हैं। यह किला भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है।”

जवाहर तारामंडल, जिसे इलाहाबाद तारामंडल भी कहा जाता है, 1979 में वैज्ञानिक रुचि को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। यह आनंद भवन के पास स्थित है और विज्ञान प्रेमियों और बच्चों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। यहां तारों और ग्रहों से जुड़ी जानकारी रोचक और सरल तरीके से प्रस्तुत की जाती है।”

“इलाहाबाद किले के अंदर स्थित अशोक स्तंभ मौर्य काल का एक अद्भुत स्मारक है। इस स्तंभ पर सम्राट अशोक की शिलालेख उकेरे गए हैं, जो भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं। इसे देखने से आप मौर्य साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास से जुड़ सकते हैं।”

गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण है। यह स्थान भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का केंद्र है। माना जाता है कि यहां स्नान करने से आत्मा की शुद्धि होती है और पापों से मुक्ति मिलती है। कुंभ मेला के दौरान संगम पर स्नान करना हर श्रद्धालु का सबसे बड़ा उद्देश्य होता है।”

“प्रयागराज का अलोपी देवी मंदिर देवी अलोपी को समर्पित है, जो हिंदू मान्यताओं में विशेष स्थान रखता है। यह स्थान कुंभ के दौरान और भी खास हो जाता है, जब देवी की मूर्ति संगम पर ले जाई जाती है। इस मंदिर का एक अनूठा इतिहास है और यहां आने वाले भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।”

“महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में न केवल संगम पर स्नान का आनंद लें, बल्कि इन अद्भुत स्थानों की सैर करके अपनी यात्रा को और भी यादगार बनाएं। ये स्थल न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी दर्शाते हैं। अपनी यात्रा की योजना अभी बनाएं और प्रयागराज के इन अनमोल स्थानों को अपनी यात्रा का हिस्सा बनाएं।”

यह लेख महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज के दर्शनीय स्थलों पर केंद्रित है, जो आपकी यात्रा को विशेष और अविस्मरणीय बना देंगे।



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First Published on: January 8, 2025 4:25 pm IST