Divorce Effects: तलाक के बाद बच्चों में डिप्रेशन, गुस्सा और अकेलापन क्यों बढ़ता है? जानें एक्सपर्ट्स की राय
Divorce Effects on Children माता-पिता का तलाक सिर्फ दो लोगों को नहीं, बल्कि पूरे परिवार को प्रभावित करता है। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों की मानसिक स्थिति पर पड़ता है। जानें कैसे तलाक बच्चों को डिप्रेशन, अकेलेपन और गुस्से से जूझने पर मजबूर कर सकता है।
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Divorce Effects: तलाक के बाद बच्चे क्यों होते हैं मानसिक रूप से परेशान? जानें एक्सपर्ट्स की राय
रवि (7 साल) की ज़िंदगी तब पूरी तरह बदल गई जब उसके माता-पिता का तलाक हो गया। पहले, वह खुशमिजाज और पढ़ाई में होशियार बच्चा था, लेकिन तलाक के कुछ महीनों बाद वह उदास रहने लगा। स्कूल में उसका मन नहीं लगता था, वह दोस्तों से कटने लगा और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगा। पहले जो बच्चा हर वक्त हंसता था, अब वह गहरी सोच में डूबा रहता था।
रवि की मां को लगा कि यह एक अस्थायी बदलाव है, लेकिन जब यह हफ्तों तक जारी रहा, तब उन्हें एहसास हुआ कि तलाक का असर उनके बच्चे की मानसिक सेहत पर गहरा पड़ चुका था।
आज, रवि की यह कहानी सिर्फ एक नहीं, बल्कि हजारों बच्चों की हकीकत है। माता-पिता के अलग होने का असर सिर्फ उन पर नहीं, बल्कि उनके बच्चों पर भी पड़ता है। यह असर भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। सवाल यह है कि क्या तलाक के बाद बच्चों के मन में जो अकेलापन, डिप्रेशन और गुस्सा बढ़ जाता है, उससे बचने का कोई तरीका है? आइए, इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
बच्चों पर तलाक का मानसिक असर (Mental Impact of Divorce on Children)
तलाक केवल दो व्यक्तियों का अलग होना नहीं है, बल्कि यह पूरे परिवार की संरचना को बदल देता है। बच्चों के लिए यह एक बहुत बड़ा बदलाव होता है, जिसका असर उनकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर पड़ता है।
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, तलाक के बाद बच्चे चार प्रमुख मानसिक अवस्थाओं से गुजरते हैं:
असुरक्षा की भावना:
बच्चों को यह लगने लगता है कि उनकी दुनिया बिखर गई है। माता-पिता दोनों का प्यार और सुरक्षा अचानक छिन जाने से वे खुद को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं।
अकेलापन और डिप्रेशन:
तलाक के बाद कई बार बच्चे खुद को अलग-थलग महसूस करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि उनके दोस्तों और रिश्तेदारों की नजरें उन पर बदल गई हैं, जिससे वे और ज्यादा अकेलापन महसूस करने लगते हैं।
गुस्सा और चिड़चिड़ापन:
बच्चे को समझ नहीं आता कि माता-पिता अलग क्यों हो रहे हैं। यह भावना उनमें गुस्सा और आक्रोश पैदा कर सकती है, जिससे वे अचानक चिड़चिड़े हो जाते हैं।
पढ़ाई और ध्यान में गिरावट:
अचानक हुए इस बड़े बदलाव के कारण बच्चे की पढ़ाई पर भी असर पड़ता है। उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता, जिससे उनके ग्रेड्स और परफॉर्मेंस पर बुरा असर पड़ सकता है।
क्या उम्र के हिसाब से तलाक का असर अलग होता है? (Age-Wise Divorce Effects on Kids)
तलाक का प्रभाव हर बच्चे पर अलग-अलग होता है, खासकर उनकी उम्र के अनुसार।
5-8 साल के बच्चे:
इस उम्र में बच्चे माता-पिता पर बहुत निर्भर होते हैं। तलाक के बाद वे असुरक्षित महसूस करने लगते हैं और बार-बार पूछते हैं कि ‘पापा/मम्मी वापस कब आएंगे?’
9-12 साल के बच्चे:
इस उम्र के बच्चे तलाक को समझ सकते हैं, लेकिन वे खुद को दोषी मान सकते हैं। कई बार वे गुस्से में आकर गलत व्यवहार करने लगते हैं।
टीनएजर्स (13-18 साल):
टीनएज में तलाक का प्रभाव सबसे अधिक होता है। कई बच्चे गलत संगति में पड़ सकते हैं, मानसिक तनाव का शिकार हो सकते हैं या माता-पिता से पूरी तरह कट सकते हैं।
कैसे पहचानें कि बच्चा तलाक से प्रभावित हो रहा है? (Signs Your Child is Affected by Divorce)
अचानक से गुस्सा करने लगना
दोस्तों और परिवार से दूरी बना लेना
पढ़ाई में मन न लगना
डर और चिंता में रहना
बार-बार बीमार पड़ना (सिरदर्द, पेट दर्द)
माता-पिता से बात करने से बचना
अगर आपका बच्चा इनमें से कोई भी लक्षण दिखा रहा है, तो आपको तुरंत उसकी मानसिक स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है।
तलाक के बाद बच्चों की मदद कैसे करें? (How to Help Your Child After Divorce)
संवाद बनाए रखें:
बच्चों से खुलकर बात करें और उन्हें समझाएं कि तलाक का मतलब यह नहीं कि माता-पिता का प्यार खत्म हो गया है।
एक रूटीन सेट करें:
बच्चों की दिनचर्या को सामान्य बनाए रखें ताकि उन्हें स्थिरता महसूस हो।
एक्सपर्ट की मदद लें:
अगर बच्चा ज्यादा परेशान लग रहा है, तो मनोचिकित्सक या थेरेपिस्ट की मदद लेना फायदेमंद होगा।
माता-पिता की लड़ाई से बचाएं:
बच्चों के सामने अपने एक्स-पार्टनर के बारे में बुरा न कहें, इससे वे और ज्यादा भावनात्मक रूप से अस्थिर हो सकते हैं।
बच्चे को प्यार और सपोर्ट दें:
उन्हें एहसास कराएं कि वे अकेले नहीं हैं। माता-पिता अलग हो सकते हैं, लेकिन बच्चे के प्रति प्यार हमेशा रहेगा।
तलाक के बाद भी खुश रह सकते हैं बच्चे (Happy Parenting After Divorce)
तलाक का मतलब यह नहीं कि बच्चा हमेशा दुखी ही रहेगा। सही देखभाल और प्यार के साथ बच्चे तलाक के प्रभाव से उभर सकते हैं और एक संतुलित जीवन जी सकते हैं।
याद रखें, तलाक आपके बच्चे की जिंदगी का अंत नहीं है – बल्कि एक नए और बेहतर जीवन की शुरुआत हो सकती है!
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First Published on: February 23, 2025 4:46 pm IST